गाजियाबाद लिटरेचर फेस्टिवल 2024 इंदिरापुरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ हाईयर एजूकेशन में प्रातः 10:00 बजे शुरू हुआ बहु प्रतीक्षित गाजियाबाद लिटरेचर फेस्टिवल का दो दिवसीय आयोजन का इंदिरापुरम इंस्टीट्यूट आफ हायर एजुकेशन में अपना आगाज किया । जिसमे दो शानदार दिनों के लिए एक रोमांचक साहित्यिक और सांस्कृतिक यात्रा को मुहूर्त रूप दिया गया ।
जिसमें 100 से अधिक सम्मानित वक्ताओं ने 25 से अधिक पैनल चर्चाएं और साहित्यिक कविताएं और साहित्यिक गतिविधियों को करने वाली कई आकर्षक गतिविधियां शामिल रही । महोत्सव का उद्घाटन प्रसिद्ध साहित्यकारों शिक्षाविदों और विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया । गाजियाबाद साहित्य समिति के अध्यक्ष और गाजियाबाद साहित्य महोत्सव के निदेशक गौरव शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि आज की भागती दौड़ती दुनिया में साहित्य को आकार देने और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में साहित्य की भूमिका पर जोर देना और गाजियाबाद में साहित्य के प्रति रुचि जागृत करना इस महोत्सव का उद्देश्य है ।
यह महोत्सव आदरणीय राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर जी’ को समर्पित किया गया .
। महोत्सव को रश्मिरथी नाम दिया गया मुख्य अतिथि डॉक्टर ताराशंकर दिनकर जी के परिवार से राणा सिंह जी मौजूद रहे। उद्घाटन सत्र में 500 से अधिक स्कूली बच्चों ने रश्मिरथी की कृष्ण प्रतिज्ञा का सामूहिक पाठ किया। जो 2024 साहित्य महोत्सव को एक अद्भुत आकार प्रदान करता है। जो हर किसी के लिए कुछ न कुछ सुनिश्चित करता है।
आज हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं के अत्यंत रोचक विषयों पर परिचर्चाएं हुई। पहले दिन शानदार मुशायरा और अंग्रेजी में भाषा की कविताओं का शायरी सिंपोजियम भी हुआ । जिसमें प्रख्यात शायरों ने अबप्रतिमकाव्य पाठ किया । यह महोत्सव समावेशिता पर जोर देता है । जिसमें वक्त के साथ साथ विभिन्न साहित्यकारों की भाषा शैलियों और विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रतिष्ठित कवियों और लेखकों से लेकर युवा कहानीकारों तक गाजियाबाद साहित्य सम्मेलन 2024 सजा है।
जो साहित्यिक प्रेम के माध्यम से पीढ़ियां को जोड़ता है ।इस सांस्कृतिक उत्सव का स्थल इंदिरापुरम इंस्टीट्यूट आफ हायर एजुकेशन रचनात्मक और बौद्धिक उत्साह से भरपूर रहा। प्रतिष्ठित कवियों और लेखकों से कार्यक्रम का विशेष आकर्षण बाल लेखन का गाजियाबाद साहित्य महोत्सव एक अकेला ऐसा महोत्सव है जो बाल लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए पैनल चर्चा आयोजित करता है।
अक्षर भारती साहित्य संस्थान की ओर से संचालक डा. सत्यम भास्कर ने इस कार्यक्रम की सफलता में एक सराहनीय भूमिका निर्वहन करने का कार्य किया