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अमर भारती के तत्वावधान में अक्षर भारती द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की पाँच प्रसिद्ध कवियित्री उपस्थित रहीं। जिनको कार्यक्रम की शुरुआत में शैलेंद्र जैन ‘अप्रिय’ अमर भारती ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
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संयोजक अक्षय जैन और मंच संचालक डॉ सत्यम भास्कर ने कवियित्री का हौसला बढ़ाया। काव्य गोष्ठी की शुरुआत में नेहा जैन ने “मैं जैसी हूँ वैसे ही स्वीकार करना” से की। इसकी अगली कड़ी में मधु अरोड़ा ने “पत्नी की डिमांड भरपूर ” स्चना से प्रस्तुति दी।
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अगली कवियित्री प्रो० डॉ० अंजू अग्रवाल “जिस दरिया को पार किया उसी में मन अटका रहता है” रचना की प्रस्तुति दी। पुनीता सिंह ने अपनी रचना ” एक दिन रस्मप्रभा के जैसा जीवन निखर जायेगा “से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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कवियित्री एकता सिंह ने उपस्थित सभी सदस्यों का अभिवादन करते हुए हास्य प्रस्तुति “आज भूत के सिर से भूत उतरते देखा” से हँसने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के मध्यांतर में संचालक डॉ भास्कर ने भी अपनी शानदार प्रस्तुति दी। समूह सम्पादक शैलेन्द्र जैन एवं संयोजक अक्षय जैन ने सभी कवियित्री को उनके बेहतर भविष्य की शुभकामनाएँ दी ओर होंसलाअफजाई की। इस अवसर पर शैलेन्द्र जैन ने कहा कि अमर भारती सदैव इस तरह के कार्यक्रम को बढ़ाने का कार्य करता रहा है। तथा कवियों- कवियित्री को सम्मानित करने का कार्य कर रहा है।
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